स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: किसी के पास से जब्त की गई रकम को ईडी अपने साथ ले जाती है। उसमें से जो रकम सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश करने होते हैं, उन्हें सील बंद लिफाफे में रख दिया जाता है। बाकी रकम केंद्र सरकार के खाते में जमा कर दी जाती है।
कोर्ट का फैसला आने के बाद तय होता है कि उस रकम का क्या होगा? कोर्ट में जांच एजेंसी को साबित करना होता है कि जब्त किया गया कैश या अन्य संपत्ति गैर कानूनी या गलत ढंग से हासिल की गई है। अगर एजेंसी ये साबित नहीं कर पाती है तो उसे जब्त की गई पूरी रकम लौटानी होती है। वहीं, अगर एजेंसी आरोप साबित कर देती है तो सरकार पूरी रकम अपने पास रख सकती है या कुछ जुर्माना लगाकर उसे वापस कर सकती है।