स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: अलकायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी को मारे जाने से अमेरिकी नेताओं और तालिबान सरकार के बीच अविश्वास और गहरा गया है। साथ ही व्यापक प्रभावों वाली एक नई कहानी सामने आ रही है और वह है- विकसित किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय हथियारों की गति और प्रकृति। अल-जवाहिरी को मारने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार- 'द हेलफायर आर9एक्स 'निंजा' मिसाइल।
सोवियत टैंक को नष्ट करने के लिए इस मिसाइल का इस्तेमाल 1970 और 1980 के दशकों में मूल रूप से किया गया था। इसके बाद 1990 के दशक में विभिन्न क्षमताओं वाले इसके कई वैरिएंट विकसित किए गए। इन्हें 'रीपर' ड्रोन या हेलीकॉप्टर से दागा जा सकता है। हेलफायर आर9एक्स 'निंजा' नया हथियार नहीं है। इसका 2017 में सीरिया में अलकायदा के आतंकवादी अबु खैर अल मसरी को मारने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
'हेलफायर' मिसाइलें विशेष रूप से तैयार की गई मिसाइल होती हैं। इन गुप्त मिसाइलों का इस्तेमाल आतंकवादियों को मारने के मकसद से सटीक हमले करने के लिए किया जाता है। 'निंजा' मिसाइल दागे जाने पर विस्फोट नहीं होता और नुकसान भी बहुत कम होता है। साथ ही आम लोगों के हताहत होने की गुंजाइश भी कम होती है। ये व्यक्तियों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम होती हैं।