स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज :पहले जून फिर जुलाई में सुपरमून देखने के बाद अब 11 अगस्त को इस साल का आखिरी सुपरमून दिखाई देगा। भारत में भी पूर्णिमा के इस चांद को देखा जा सकेगा। लेकिन यहां 12 अगस्त यानी शुक्रवार को यह सुपरमून दिखाई देगा। दो सुपरमून के नाम स्ट्रॉबेरी मून और थंडर मून थे। इस बार हम 'फुल स्टर्जन मून' को देखेंगे। यह लगातार चार सुपरमून में से चौथा होगा।
नासा के अनुसार, स्टर्जन शब्द की उत्पत्ति अमेरिकी जनजाति अल्गोंक्विन से हुई । हर साल यह जनजाति इस सीजन में स्टर्जन मछली को पकड़ती है, जिस वजह से इस पूर्णिमा को स्टर्जन मून कहा जा रहा है। नासा के अनुसार, सुपरमून उस स्थिति को कहा जाता है, जब चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के सबसे करीब होती है उसी समय चंद्रमा पूर्ण होता है। बुधवार से शुक्रवार तक तीन दिन इस सुपरमून के दिखाई देने की उम्मीद है। यह चार सुपरमून में से चौथा होगा। इस बार प्रति घंटे 10 से 20 उल्काओं की बौछार भी दिखाई देगी।