एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: ब्रिटिश हुकूमत ने भारत पर सालों कब्जा करके रखा। लेकिन जब भारतीयों ने अंग्रेजों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई तो ब्रिटिश हुकूमत को देश छोड़कर जाना पड़ा और 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो गया। हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं और इस साल भारत अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस साल आजादी का अमृत महोत्सव है। ऐसे में सरकारी, गैर सरकारी और निजी कार्यालयों के साथ ही लोगों के घरों, कालोनियों में पहले से ही तिरंगा लहराया जाने लगा। हर तरफ तिरंगामय वातावरण देखने को मिला।
लेकिन आपको क्या पता है कि जब गुलाम भारत में देश का झंडा फहराने की अनुमति नहीं थी, तो एक क्रांतिकारी महिला ने विदेश तक जाकर भारत का पहला झंडा फहराया था। चलिए जानते है कि उस महिला के बारे में जो आजादी से 40 साल पहले ही भारत का झंडा विदेश में फहरा दिया था। जर्मनी में भारत का पहला झंडा फहराने वाली महिला का नाम भीकाजी कामा था। भारत की आजादी के 40 साल पहले यानी 22 अगस्त 1907 में पहली बार भारत का झंडा जर्मनी के स्टूटगार्ट नगर में फहराया गया था। भीकाजी कामा भारतीय मूल की पारसी महिला थीं, जिन्होंने उस दौर में लंदन से लेकर जर्मनी और अमेरिका का भ्रमण किया और भारत की स्वतंत्रता के पक्ष में आवाज कई देशों तक पहुंचाई। भीकाजी कामा पेरिस से 'वंदेमातरम्' पत्र प्रकाशित करती थीं, जो प्रभावी भारतीयों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ करता था। भीकाजी कामा का जन्म महाराष्ट्र के मुंबई में 24 सितंबर 1861 को हुआ था और 13 अगस्त 1936 में आजादी का सपना आंखों में बसाए भीकाजी कामा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।