इसलिए होती हैं आंखों का रंग नीली, हरी, भूरी, काली

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Harmeet
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इसलिए होती हैं आंखों का रंग नीली, हरी, भूरी, काली

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज : आंखों का रंग भूरा या गाढ़ा भूरा होता है। लेकिन कई लोगों की आंखों का रंग हरा, ग्रे और नीला भी होता है। नीली आंखें सुनते ही ऐश्वर्या राय और सैफ-करीना के बेटे तैमूर की याद आती है। आंखों के रंग का मामला इंसान के जीन्स से जुड़ा होता है और पुतली में मैलानिन की मात्रा के हिसाब से तय होता है। प्रोटीन का घनत्व, और आस-पास फैले उजाले का भी असर होता है।

यह माना जाता है कि करीब 6 हजार से 10 हजार साल पहले इंसानी जीन में एक बदलाव हुआ था, और तभी से आंखों का रंग नीला होने लगा। ग्रे आंखें, नीली आंखों से ज्यादा गाढ़े रंग की होती हैं और उनमें मैलानिन पिगमेंट कम होता है। इनमें प्रोटीन का घनत्व भी कम होता है। हेजल आंखों वाले लोगों की आंखों का रंग नीले और भूरे रंग के बीच में होता है। पुतली के बाहरी हिस्से में मैलानिन की मात्रा ज्यादा होने से ऐसा होता है।