स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: अगर आपको जीवाश्म विज्ञान की समझ है या डायनासोर से जुड़ी जानकारियां आपको लुभाती हैं तो आप स्टेगोसॉरस से अच्छी तरह परिचित होंगे। विशालकाय स्टेगोसॉरस डायनासोर पीठ नुकीली और पूंछ नुकीली होती है। यानी कुछ साल पहले शोधकर्ताओं ने अर्जेंटीना के रियो नेग्रो प्रांत में एक बांध के पास खुदाई में स्टेगोसॉरस के परिवार के ही एक डायनासोर का आंशिक कंकाल मिला था। जीवाश्मों की बारीकी से जांच करने पर पता चला कि स्टेगोसॉरस की तरह इस डायनासोर के शरीर पर भी नुकीले कांटे निकले हुए थे।
इस डायनासोर को बाद में जकापिल कनियुकुरा नाम दिया गया। यह स्टेगोसॉरस से बहुत पहले जीवित था और इसमें कई विशिष्ट लक्षण थे जो मूल स्टेगोसॉरस से काफी अलग थे। उदाहरण के लिए जकापिल थायरोफोरा से संबंधित पहला नुकीले कवच वाला डायनासोर था जो दो पैरों पर चलता था जबकि बाकी सभी थायरोफोरा चार पैरों पर चलते हैं।
सबसे खास बात यह है कि दक्षिणी गोलार्ध में डायनासोर का कंकाल पाया गया था। अब तक सभी नुकीले कवच वाले डायनासोर जीवाश्म, जिनमें स्टेगोसॉर और एंकिलोसॉर शामिल हैं, सिर्फ उत्तरी गोलार्ध में ही पाए गए हैं। अर्जेंटीना से जकापिल की आश्चर्यजनक खोज ने थायरोफोरन डायनासोर के क्षेत्र को लेकर सभी धारणाओं को बदल दिया है।