स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: अब कुछ ही दिन बाद भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जायेगा । जगह-जगह पर जन्माष्टमी मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मथुरा-वृंदावन समेत कई जगहों पर जन्माष्टमी का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है। इस साल आठरह अगस्त को जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा।
पौराणिक कथा हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने सोलह हजार शादियां की थीं और उनके डेढ़ लाख से ज्यादा पुत्र हुए। श्रीकृष्ण की थीं आठ पटरानियां। महाभारत के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की सोला हजार एक सो सात पत्नियां थीं। उन्होंने पहला विवाह देवी रुक्मिणी से किया था और इसके लिए उन्होंने रुक्मिणी जी का हरण भी किया था। इसके बाद उन्होंने जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा से भी विवाह किए। इन आठ पत्नियों को भगवान श्रीकृष्ण की पटरानियां कहा जाता है।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक श्रीकृष्ण भूमासुर नाम के दैत्य के अत्याचार से सोलह हजार कन्याओं को बचाया और उन्हें कारावास से मुक्त करवाया था। समाज-परिवार के लोगों ने इन्हें चरित्रहीन कहकर अपनाने से इनकार कर दिया था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने सोला हजार से रूप रखे और इन सभी कन्याओं से विवाह किया ।