स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल छठ मनाई जाती है। इस दिन श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी का जन्म हुआ था। यह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से एक या दो दिन पूर्व मनाई जाती है। उत्तर भारत में इसे हल षष्ठी, ललही छठ या हल छठ कहते हैं और गुजरात में राधन छठ कहा जाता है। राधन छठ में संतान की रक्षा के लिए शीतला माता की पूजा करते हैं।
स्नान आदि से निवृत होकर हल षष्ठी व्रत और पूजा का संकल्प लेते हैं। फिर शुभ समय में बलराम जी की पूजा फूल, फल, अक्षत्, नैवेद्य, धूप, दीप, गंध आदि से करते हैं। उनसे पुत्र के सुखमय जीवन की कामना भी करते हैं। रात्रि के समय में पारण करके व्रत को पूरा किया जाता है। पूजा में भैंस का दूध उपयोग में लाया जाता है। इस व्रत में हल की पूजा करते हैं और हल से उत्पन्न अन्न और फल नहीं खाते हैं।