गणपति स्थापना के समय करें इन 11 मंत्रों का जाप

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गणपति स्थापना के समय करें इन 11 मंत्रों का जाप

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: गणेश जी विघ्न को दूर करके मंगल करने वाले देवता हैं। श्री गणेश अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं और उनके जीवन में आ रहे विघ्नों को दूर करते हैं। इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा गया है। इन 11 मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र से अगर आप गणेश जी की पूजा करेंगे तो आपको मनचाहा वर मिलेगा।



1. ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात.



2. ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।

ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश।



3. ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।



4. दुर्वा अर्पित करते हुए मंत्र बोलें 'इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः



5. सूखा चावल गणेश जी को नहीं चढ़ाएं. चावल को गीला करें फिर, 'इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः' मंत्र बोलते हुए तीन बार गणेश जी को चावल चढ़ाएं.



6. गणेश जी को सिंदूर चढ़ाते समय मंत्र बोलें, 'सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्. शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः'



7. सुमुखश्च एकदंतश्च कपिलो गजकर्णक:

लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायक:

धुम्रकेतुर गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजानन:

द्वादशैतानि नामानि य: पठेचशृणुयादपि ..



8. एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।





9. मंत्र:- 'ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा'



10. शक्तिविनायक मंत्र

ऊं ह्रीं ग्रीं ह्रीं



11. गणेश मूल मंत्र

ऊं श्रीं ह्रीं क्लें ग्लौम गं गणपतये वर वरद सर्वजन जनमय वाशमनये स्वाहा तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुंडाय धिमहि तन्नो दंति प्रचोदयत ओम शांति शांति शांतिः