एएएम न्यूज़, ब्यूरो: सीबीआई के अधिकारियों के खुलासा किया है कि भागीरथी नदी में कई अवैध तस्करी घाट हैं और यहां तस्कर सूचनाओं की तस्करी के लिए एक खास तरीके का इस्तेमाल करते थे। पांच रुपये के नोट पर तस्करी की जानकारी लिखी होती थी। प्रत्येक गाय के लिए तस्करों को 1000 रुपये मिलते थे, जमीन की फसल को खराब कर मवेशियों की तस्करी की जाती थी और ग्रामीण इन तस्करों से डरते थे। डर के मारे किसी ने विरोध करने की हिम्मत नहीं की थी। हालांकि अब जब से सीबीआई की गतिविधियां बढ़ी हैं, तस्करी बंद हो गई है। सीबीआई ने शनिवार को अदालत में बताया था कि अनुब्रत मंडल का बॉडीगार्ड सहगल हुसैन गाय तस्कर एनामुल हक के साथ संपर्क में था और वह मध्यस्थता का काम करता था।
सीबीआई के अधिकारी के अनुसार मुर्शिदाबाद जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में संचालित पशु तस्करी का गिरोह मुख्य रूप से बीरभूम से नियंत्रित किया जाता था। मुर्शिदाबाद को मवेशी तस्करी गलियारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। यह सबसे बड़ा गलियारा था । सूत्रों क़ि माने तो यहां से बीरभूम के बाजारों और मुर्शिदाबाद के अन्य बाजारों से गायों की तस्करी की जाती थी। गायों को तस्करी के उद्देश्य से सागरडीघी बाजार से ले जाया गया था। सागरदिघी क्षेत्र में मीरपुर घाट, गोएशाबाद क्षेत्र में टिकलीपारा घाट सहित विभिन्न स्थानों पर अवैध रूप से घाटों का निर्माण किया गया था और तस्कर इस इलाके से गायों की तस्करी के लिए पांच रुपये के नोटों का इस्तेमाल करते थे। ये नोट अब बाजार में कम ही देखने को मिलते हैं, लेकिन पशु तस्करों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण था। क्योंकि, नोट पर ही तस्करी की गई गायों की जानकारी लिखी होती थी।