स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: पाकिस्तान में आए इस संकट का सबसे ज्यादा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा है। करोड़ों की संख्या में लोग बाढ़ के बीच फंसे रहने को मजबूर हैं। इस आपदा का सबसे बुरा असर पहले से ही इलाज खोज रहे बीमार लोगों पर पड़ा है। इसके अलावा बाढ़ के ठहरे पानी से पैदा होने वाली बीमारियों का खतरा भी सिंध और बलूचिस्तान की आबादी पर मंडरा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में पाकिस्तान की करीब 6.5 लाख गर्भवती महिलाओं को चिकित्सीय सहायता की जरूरत है। लेकिन बाढ़ के कारण वे बुनियादी सेवाओं से भी दूर हैं।