एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले सॉलिड और तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कथित रूप से प्रबंधन नहीं करने के लिए पश्चिम बंगाल राज्य पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 3500 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा लगाया है। एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से लापरवाही नहीं कर सकते। इसे लंबे समय के लिए टाला नहीं जा सकता। प्रदूषण मुक्त वातावरण प्रदान करना राज्य और स्थानीय निकायों की संवैधानिक जिम्मेदारी है। पैनल ने कहा कि जीवन के अधिकार का हिस्सा होने के नाते धन की कमी के हवाले से इस तरह के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता है। पर्यावरण को नुकसान को ध्यान में रखते हुए हम मानते हैं कि पिछले उल्लंघनों के लिए मुआवजे का भुगतान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए और आगे से इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम किया जाए।