एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: आज कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के परिवार के सदस्यों की संपत्ति में वृद्धि पर जनहित याचिका में सभी पक्षों को याचिका की स्वीकार्यता के गुण-दोष के आधार पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। सूत्रों के मुताबिक तरुणज्योति तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में ममता बनर्जी या उनके भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम शामिल नहीं है। तिवारी ने अपने तर्क में कहा कि सीएम की भाभी काजोरी बनर्जी, जो कोलकाता नगर निगम की पार्षद भी हैं, वे व्यवसाय और सामाजिक कार्य दोनों को अपने पेशे के रूप में रखा था। तिवारी ने तर्क दिया है कि जनहित याचिका का उद्देश्य उनकी आय का सही स्रोत जानना है। इधर मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने तर्क दिया कि याचिका स्वीकार्य नहीं है क्योंकि याचिकाकर्ता, तरुणज्योति तिवारी, एक वकील होने के अलावा, भाजपा के एक सक्रिय सदस्य भी हैं और इसलिए उनकी याचिका को प्रेरित किया गया था। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की पीठ ने दोनों पक्षों को 11 नवंबर तक जनहित याचिका की स्वीकार्यता पर अपनी-अपनी दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया और सुनवाई की अगली तारीख 28 नवंबर तय की गई है।