महालया का इतिहास, क्यों करते है लोग साल भर इस दिन का इंतजार

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Harmeet
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महालया का इतिहास, क्यों करते है लोग साल भर इस दिन का इंतजार

एनएम न्यूज़, ब्यूरो : बंगाल में जैसे दुर्गा पूजा का महत्व है ठीक उसी तरह से महालया का पर्व भी बहुत ही माइने रखता है। आज हम आपको महालया क्या है और इसका इतिहास क्या है इसके बारे में बताएंगे। हिन्दू धर्म के और पुराण के अनुसार इसी दिन मां दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती पर आगमन करती हैं और अगले 10 दिनों तक यहीं रहती हैं। बंगालियों का प्रमुख त्योहार के रूप में महालया का दिन मनाया जाता है लेकिन इसे देशभर में धूमधाम से मनाते हैं। बंगाल के लोगों के लिए महालया पर्व का विशेष महत्‍व है। मां दुर्गा में आस्‍था रखने वाले लोग साल भर इस दिन का इंतजार करते हैं।

महालया से ही दुर्गा पूजा की शुरुआत मानी जाती है, यह नवरात्रि और दुर्गा पूजा की के शुरुआत का प्रतीक है। मान्‍यता है कि महिषासुर नाम के राक्षस के सर्वनाश के लिए महालया के दिन मां दुर्गा का आह्वान किया गया था। महलाया अमावस्‍या की शाम को मां दुर्गा कैलाश पर्वत से पृथ्‍वी लोक आती हैं और पूरे नौ दिनों तक यहां रहकर धरतीवासियों पर अपनी कृपा का अमृत बरसाती हैं।