राहुल तिवारी, एएनएम न्यूज: राज्य सरकार द्वारा कल्याण विभाग की ओर से आदमी जनजाति के उत्थान के लिए गांव के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल पहुंचाने के उदेश्य से गांव में सोलर जलमीनार लगाया गया था। लेकिन सरकारी कर्मियों की लापरवाही के कारण आदिम जनजाति के ग्रामीणों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है। ऐसा ही मामला मसलिया प्रखंड के कुसुम घाटा पंचायत अंर्तगत दुधानी गांव में देखने को मिला है। वहां लगा सोलर जलमीनार ख़राब पड़ा है और लोग दूसरे टोला से पानी लाने को विवश हैं।
विभाग के द्वारा एक वर्ष पूर्व गांव में सोलर जलमीनार लगवाया गया था। लेकिन पांच माह भी ठीक से नहीं चलने के बाद यह खराब पड़ा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि इस जल मीनार की पानी से लोग अपनी प्यास बुझा लेते थे, लेकिन अब खराब हो जाने के कारण लोगों की प्यास बुझाने के लिए पानी की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ता है। जिससे कई बार ग्रामीणों ने उसे दुरुस्त करवाने के लिए विभाग से गुहार लगाई। लेकिन उसका निष्कर्ष कुछ नहीं निकला। बर्तमान में ग्रामीण पेयजल समस्या से झूझ रहे है।