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एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: बैंक के ग्राहकों को नयी सोवा एंड्रॉयड ट्रोजन के जरिये निशाना बनाया जा रहा। सीईआरटी-इन इंडियन कंप्यूटर एमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम ने यह जानकारी दी है। जुलाई, 2022 में इसने भारत सहित कई अन्य देशों को भी निशाना बनाना शुरू किया है। देश के साइबर क्षेत्र में नया मोबाइल बैंकिंग वायरस फैल रहा है। ग्राहकों को निशाना बना रहा यह मोबाइल बैंकिग ट्रोजन वायरस सोवा। एक रैंसमवेयर है जो एंड्रॉयड फोन की फाइल को नुकसान पहुंचा सकता है और अंतत संबंधित व्यक्ति वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार बन सकता है। एक बार मोबाइल में आने के बाद इसे हटाना भी काफी मुश्किल है। देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने अपने ताजा परामर्श में यह कहा है। भारतीय साइबर क्षेत्र में इस वायरस का सबसे पहले जुलाई में पता चला था। तब से इसका पांचवां संस्करण आ गया है। सीईआरटी-इन इंडियन कंप्यूटर एमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम ने कहा, ''संस्थान को यह बताया गया है कि भारतीय बैंक के ग्राहकों को नये सोवा एंड्रॉयड ट्रोजन के जरिये निशाना बनाया जा रहा है। इसमें मोबाइल बैंकिंग को लक्ष्य किया जा रहा है।
इस मालवेयर का पहला संस्करण छिपे तरीके से सितंबर 2021 में बाजारों में बिक्री के लिये आया था। यह लॉगिंग के माध्यम से नाम और पासवर्ड, कुकीज चोरी करना और ऐप को प्रभावित करने में सक्षम है।'' परामर्श में कहा कि यह मालवेयर पहले अमेरिका, रूस और स्पेन जैसे देशों में ज्यादा सक्रिय था, लेकिन जुलाई, 2022 में इसने भारत सहित कई अन्य देशों को भी निशाना बनाना शुरू किया। सूत्र के मुताबिक इस मालवेयर का नया संस्करण उपयोगकर्ताओं को धोखा देने के लिये नकली एंड्रॉयड एप्लिकेशन के साथ छिपता है। उसके बाद यह क्रोम, अमेजन, एनएफटी क्रिप्टो मुद्रा से जुड़े टोकन,जैसे लोकप्रिय वैध ऐप के 'लोगो' के साथ दिखाई देता है। यह इस रूप से होता है जिससे लोगों को इन ऐप को 'इंस्टॉल' करने में पता ही नहीं चलता।
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