एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: मोहाली पुलिस की हर कहानी झूठी साबित हो रही है। दरसल चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में छात्राओं के वीडियो वायरल के मामले में पहले एसएसपी ने कहा था कि आरोपी ने केवल अपना ही वीडियो बनाया और दोस्त को भेजा। इसके बाद कोर्ट में कहा गया कि वीडियो बनाने वाली छात्रा ने खुद का और एक अन्य छात्रा का वीडियो बनाया था। वीडियो में दूसरी छात्रा का चेहरा नहीं दिख रहा है।
सूत्रों के मुताबिक आरोपियों को रिमांड पर लेने के लिए अदालत में तर्क दिया कि यह अपराध काफी गंभीर श्रेणी का है और इसमें टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है। इसमें पता लगाया जाना है कि डिलीट वीडियो किसके हैं और वीडियो किसे साझा किए गए। आरोपियों के फोन फॉरेंसिक लैब भेज दिए गए हैं। इसके बाद पुलिस ने कहा कि लड़की ने सभी वीडियो डिलीट कर दिए थे और आरोपी लड़के की तरफ से भेजे गए एक स्क्रीनशॉट से मामले का खुलासा हुआ। अब पुलिस की ये बात भी झूठी साबित हो गई है।
गिरफ्तार छात्रा के मोबाइल से 12 से भी अधिक वीडियो मिले हैं। आरोपी के फोन का लोकल डाटा रिकवर होने के बाद ये वीडियो सामने आए हैं।