स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: उन स्थानों के बारे में जहां पर आज भी काला जादू कराया जाता है।
कुशाभद्रा नदी, उड़ीसा – कुशाभद्रा नदी के इर्द गिर्द और नदी के नीचे अक्सर दर्जनों हड्डियां और खोपड़ियां मिलती है, क्योंकि इस जगह पर काला जादू सबसे अधिक किया जाता है।
मणिकर्णिका घाट, वाराणसी – वही वाराणसी को काले जादू का केंद्र माना जाता है ।यहां पर बड़ी तादात में अघोरी बाबा श्मशान घाट पर ही रहते हैं। जो की लाशों को खाते हैं। उनकी ऐसी मान्यता है। इससे उनकी शक्तियों में बढ़ोतरी होती है। मणिकर्णिका घाट वही खास जगह है। जहां पर गुप्त रूप से काला जादू की गतिविधि को अंजाम दिया जाता है।
निमतला घाट, कोलकाता – मणिकर्णिका घाट के जैसे ही निमताला घाट भी श्मशान घाट ही है। यहां पर भी अंधेरी रात को अघोरी बाबा संस्कार स्थान पर आकर मृतकों की लाश के बचे हुए अवशेष खाते हैं।
मायोंग विलेज, असम – मायोंग गांव सदियों से काले जादू के लिए जाना जाता है। इसकी प्राचीनता का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि मुगल काल में मुगल जनरलों और अंग्रेजों को भी इस गांव में प्रवेश करने से डर लगता है। काले जादू की चलते मायोंग गांव में कई लोग गायब हो जाते हैं या फिर उनकी मौत हो जाती है। यहां के अधिकांश लोग काले जादू से अच्छी तरह से परिचित है।
सुल्तान शाही, हैदराबाद – हैदराबाद नाम परंपराओं का मुख्य केंद्र के रूप होती है। मुख्य रूप से सुल्तान शाही एक ऐसी जगह है। जहां पर काला जादू का बढ़-चढ़कर अभ्यास किया जाता है। यहां पर ऐसे तमाम बाबा है।जिन्हें काला जादू आता है। काले जादू के बदले ये लोगो से कई तरह की डिमांड करते है ,कुछ पैसे लेते हैं तो कई लोग संभोग की मांग करते हैं ,वही कुछ की पशु बलि की मांग भी होती है।