देवी मां की विदाई से पहले निभाई जाती है 'सिंदूर खेला' की रस्म

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देवी मां की विदाई से पहले निभाई जाती है 'सिंदूर खेला' की रस्म

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: शक्ति अराधना के पर्व नवरात्रि में देवी के पूजन का विधान है। नवरात्रि की षष्ठी तिथि को मध्य रात्रि में पंडालों में देवी की प्रतिमा स्थापित की जाती है और उसके बाद पूरे तीन दिनों तक पूरे विधि विधान से उनका पूजन किया जाता है। दशहरा के दिन पूरी धूमधाम से दुर्गा मां को विदाई दी जाती है।

इससे पहले बंगाली समाज द्वारा 'सिंदूर खेला' की रस्म देवी मां की विदाई से पहले निभाई जाती है। बंगाल से लेकर काशी तक तमाम पूजा पंडालों में इस रस्म को पूरे विधि विधान से मनाया जाता है। इस दौरान महिलाओं को अखंड सौभाग्य के वर के लिए देवी को खास सामान चढ़ाना चाहिए। 

सिंदूर,आलता, श्रृंगार का सामान, पान और तेल देबी माँ को जरूर अर्पण करे। इससे देवी प्रसन्न होती हैं और सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वर देती हैं।