स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: भक्तों को सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर तैयार होना चाहिए। अपने घर के मंदिर में दीये और अगरबत्ती जलाएं। गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बना कर उसके पास फूल, अगरबत्ती, दीये आदि रखकर पूजा अर्चना कर सकते हैं। इस दिन छप्पन भोग तैयार किया जाता है और गोवर्धन पर्वत की मूर्ति या प्रतीक को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। भक्त भक्ति गीत, मंत्र गाते हैं और गोवर्धन की मूर्ति की परिक्रमा करते हैं। अंत में गोवर्धन आरती करने की बाद उपस्थित सभी भक्तों को प्रसाद देना होता है।