स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज:करवा चौथ के दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं यानी दिन भर कुछ भी खाती-पीती नहीं हैं। शाम को पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा करने के बाद चंद्रमा की पूजा की जाती है। इसके बाद ही ये व्रत पूर्ण होता है। इस दिन पूजा के लिए विशेष थाली सजाई जाती है। इस थाली में जो चीजें जरुरी है वह है- करवा, कुमकुम और चावल, दीपक, छलनी, पानी से भरा लोटा, गुड़।
कुमकुम और चावल : भगवान श्रीगणेश की पूजा के लिए पूजा की थाली में कुमकुम और चावल भी जरूर रखें। कुमकुम से श्रीगणेश की तिलक लगाएं और बाद में चावल।
करवा : एक मिट्टी का गिलास जैसा दिखने वाला छोटा बर्तन होता है। इसके बिना करवा चौथ का व्रत पूरा नहीं हो पाता। कुछ महिलाएं मिट्टी के स्थान पर धातु से बने करवे का उपयोग भी करती हैं। इसके अंदर चावल भरकर पूजा की जाती है।
दीपक :भगवान श्रीगणेश और चंद्रमा की आरती के लिए मिट्टी के दो दीपक भी थाली में जरूर होना चाहिए।
छलनी :करवा चौथ पर पहले चंद्रमा को छलनी से देखा जाता है और बाद में अपने पति को।
पानी से भरा लोटा :चंद्रमा की आरती के बाद उन्हें पानी से अर्घ्य भी दिया जाता है।
गुड़ : भगवान श्रीगणेश की पूजा में वैसे तो कोई भी मिठाई चढ़ाई जा सकती है, लेकिन गुड़ का भोग इन्हें अतिप्रिय है।