नरक चतुर्दशी पर क्यों तोड़ा जाता है करित फल?

author-image
New Update
नरक चतुर्दशी पर क्यों तोड़ा जाता है करित फल?

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: करित नामक फलको राक्षस नरकासुर का प्रतीक माना जाता है। अभ्यंगसन से पहले ये फल तोड़ने की परंपरा महाराष्ट्र में कई जगहों पर पाई जाती है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर अभ्यंगसन से पहले करित को घर के बाहर या तुलसी वृंदावन के पास बायें पैर के अंगूठे से कुचल दिया जाता है। इसे उसके रूप में सभी कड़वाहट और बुराई को करित को तोड़कर और प्रतीकात्मक रूप से नरकासुर को मारकर नष्ट कर देना चाहिए और उसके बाद अभ्यंगसन लेने वाले व्यक्ति को मंगल स्नान से पवित्र किया जाता है। फिर पहले कुंकवा टीला लगाया जाता है।