शनि त्रयोदशी या प्रदोष व्रत आज, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त, विधि

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शनि त्रयोदशी या प्रदोष व्रत आज, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त, विधि

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि- विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की विधिवत पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है। शनि प्रदोष व्रत 22 अक्टूबर, शनिवार को है। इस दिन धनतेरस भी है। ऐसे में इस साल धनतेरस पर शनि त्रयोदशी का शुभ योग बन रहा है। आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत पूजा- विधि और शुभ मुहूर्त-​

शुभ मुहूर्त- 22 अक्टूबर को त्रयोदशी शाम 06 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी। भगवान शिव की पूजन का सबसे उत्तम मुहूर्त शाम 06:02 पी एम से 08:17 पी एम तक रहेगा।

शनि प्रदोष व्रत विधि- शनि प्रदोष व्रत के दिन व्रती को प्रात:काल उठकर नित्य क्रम से निवृत हो स्नान कर शिव जी का पूजन करना चाहिये। पूरे दिन मन ही मन “ऊँ नम: शिवाय ” का जाप करें। पूरे दिन निराहार रहें। त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में यानी सुर्यास्त से तीन घड़ी पूर्व, शिव जी का पूजन करना चाहिये।