स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: आज दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। शाम को शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाएगी। लेकिन सभी के मन में यह ख्याल जरूर आता है जब हमेशा माता लक्ष्मी की पूजा पति श्री विष्णु के साथ होती है तो दिवाली पर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी पूजा करने के बजाय भगवान गणेश के साथ क्यों की जाती है।
तो बता दे मां लक्ष्मी के साथ गणेशजी की पूजा जरूरी है। माता लक्ष्मी श्री, अर्थात धन-संपादा की स्वामिनी हैं, वहीं श्रीगणेश बुद्धि-विवेक के। बिना बुद्धि-विवेक के धन-संपदा प्राप्त होना दुष्कर है। माता लक्ष्मी की कृपा से ही मनुष्य को धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी की उत्पत्ति जल से हुई थी और जल हमेशा चलायमान रहता है, उसी तरह लक्ष्मी भी एक स्थान पर नहीं ठहरतीं। लक्ष्मी के संभालने के लिए बुद्धि-विवेक की आवश्यकता पड़ती है। बिना बुद्धि-विवेक के लक्ष्मी को संभाल पाना मुश्किल है इसलिए दिवाली पूजन में लक्ष्मी के साथ गणेश की पूजा की जाती है। ताकि लक्ष्मी के साथ बुद्धि भी प्राप्त हो। कहा जाता है कि जब लक्ष्मी मिलती है तब उसकी चकाचौंध में मनुष्य अपना विवेक खो देता है और बुद्धि से काम नहीं करता। इसलिए लक्ष्मीजी के साथ हमेशा गणेशजी की पूजा करनी चाहिए।