स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज : छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है और आखिरी दिन उगते सूर्य की पूजा की जाती है और चार दिवसीय छठ पर्व का समापन होता है। नहाय खाय के अगले दिन खरना होता है। तीसरे दिन छठ पर्व का प्रसाद बनाया जाता है। इस महापर्व में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
व्रती महिलाएं सुबह उठकर सबसे पहले घर की अच्छी से साफ-सफाई कर लें।,इसके बाद स्नान करें और नई साड़ी पहनें। सूर्य देव की उपासना करें। माथे पर पीला सिंदूर जरूर लगाएं। व्रती के अलावा घर के बाकी सदस्य भी स्नान आदि कर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद छठ पूजा के प्रसाद की तैयारी करें। इस दिन चनादाल, कद्दू की सब्जी, साग और अरवा चावल का भात प्रसाद के रूप में बनाया जाता है। इस दिन बनने वाले खाने में शुद्ध घी और सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। पूरा प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर बनाएं। क्योंकि मिट्टी के चूल्हा साफ माना जाता है। व्रती के साथ-साथ घर के अन्य लोग भी यही भोजन करें।