स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी या अक्षय नवमी कहा जाता है। इस साल आंवला नवमी 1 नवंबर 2022, बुधवार को है। इस दिन से ही द्वापर युग की शुरुआत हुई थी। इस दिन दान-धर्म का अधिक महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन दान करने से उसका पुण्य वर्तमान के साथ अगले जन्म में भी मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा की जाती है। कहते हैं कि ऐसा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शुभ मुहूर्त- नवमी तिथि 1 नवंबर को रात 11 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी और 2 नवंबर, बुधवार को रात 09 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी। आंवला नवमी का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 34 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक है।
महत्व- आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष के नीचे भोजन बनाने और भोजन करने का विशेष महत्व है। आंवला नवमी को ही भगवान विष्णु ने कुष्माण्डक दैत्य को मारा था। इस दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने कंस वध से पहले तीन वन की परिक्रमा की थी। आज भी लोग अक्षय नवमी पर मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा करते हैं। संतान प्राप्ति के लिए इस नवमी पर पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। इस व्रत में भगवान श्री हरि का स्मरण करते हुए रात्रि जागरण करें।