स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: सबसे पहले तो आप ये समझ लें कि बच्चा बोलकर आपको नहीं बता सकता कि उसे गुदगुदी से परेशानी हो रही है या नहीं। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने नन्हे शिशु का गुदगुदी न करें।
1. अगर गुदगुदी करने पर ब्रेन की एक्टिविटी से बच्चे को छींक आ जाती है, तो इसका ये मतलब बिल्कुल न निकालें कि बच्चा इसको एंजॉय कर रहा है।
2. गुदगुदी करने पर दिमाग में एक ऑटोमेटिड रिस्पॉन्स प्रोग्राम्ड शुरू होता है जो आमतौर पर हंसी के रूप में दिखता है। गुदगुदी करने पर दिमाग को जो सिग्नल मिलते हैं, उससे हंसी निकलती है। कई बच्चों को हंसी आने पर भी दर्द महसूस होता है।
3. चूंकि यह ऑटोमेटिड रिस्पॉन्स होता है इसलिए बच्चे हंसी को भी नहीं रोक पाते हैं और आपको अपनी तकलीफ के बारे में बता भी नहीं पाते हैं। ऐसे में शिशु को हंसता देख आप ये समझ ही नहीं पाते हैं कि बच्चे को दर्द हो रहा है।