आज है काल भैरव जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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आज है काल भैरव जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: आज काल भैरव जयंती है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाते हैं। रुद्रावतार काल भैरव सभी दुखों को दूर करने वाले और अपने भक्तों को सुरक्षा और अभय प्रदान करने वाले हैं। ये तत्र-मंत्र के देवता हैं। इनकी पूजा निशिता काल में की जाती है। इनकी सवारी कुत्ता है और इनका स्वरूप विकराल एवं भयानक है। आइये जानते है काल भैरव जयंती की पूजा मुहूर्त और काल भैरव की पूजा विधि के बारे में। ​

पूजा मुहूर्त: मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रारंभ: आज, सुबह 05 बजकर 49 मिनट से
मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी तिथि का समापन: कल, 17 नवंबर, सुबह 07 बजकर 57 मिनट पर

पूजा विधि: शुभ मुहूर्त में माता पार्वती और काल भैरव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन बेलपत्र पर ओम नम: शिवाय लिखकर भगवान शिव को अर्पित करें। काल भैरव को नारियल, सिंदूर, चना, सरसों का तेल, जलेबी, पुआ, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें। इस दौरान ओम कालभैरवाय नम: मंत्र का उच्चारण करें। फिर काल भैरव चालीसा का पाठ करें। उसके बाद काल भैरव की आरती करें। पूजा के अंत में किसी भी काले कुत्ते को रोटी और गुड़ खिलाएं। निशिता काल में काल भैरव की पूजा करने और उनके मंत्रों का जाप करने से सिद्धियां प्राप्त होती हैं। ग्रह दोष और रोग दूर होते है। शत्रु और मृत्यु भय दूर होता है।