अबला नहीं सबला है हम

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Harmeet
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अबला नहीं सबला है हम

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: क्या एक महिला की सफलता के पीछे दूसरी महिला का हाँथ हो सकता है? बहुत से लोग शायद सोचते हैं कि बिल्कुल नहीं। कई का तो यहाँ तक मानना हैं कि एक महिला का सबसे ज्यादा नुकसान एक महिला ही करती है। समाज के इस सोच को बदलने की निरंतर प्रयास नियामतपुर की सुल्ताना बेगम कर रही है। आसनसोल की नियामतपुर रौशन एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष सुल्ताना बेगम का नाम पहले ही एक मिसाल बन चुका है। सुल्ताना बेगम ने माध्यम वर्ग और गरीब महिलाओ को बना रही है आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा था और आज वह उस सपने को साकार करने में सफल रही है। उन्होंने सिर्फ बंगाल ही नहीं झारखण्ड की बच्चियों को बहुत काम पैसो भी एचड़ी मेकअप, पार्लर का काम, केक बनाना, खाना बनाना सीखती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनती है। इसकी एक झलक बुधवार को देखने को मिला जहाँ दूर-दूर से आए उनके छात्राओं ने अपनी प्रतिभा दिखाई।