सरकारी स्कूलों में नहीं है स्थायी शिक्षक

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सरकारी स्कूलों में नहीं है स्थायी शिक्षक

टोनी आलम, एएनएम न्यूज: यहां चमकदार क्लासरूम हैं, मिड डे मील है, पर्याप्त छात्र हैं, लेकिन स्थायी शिक्षक नहीं हैं चार अतिथि शिक्षक भी सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं। नए साल से पहले विद्यार्थी चिंतित हैं। आज क्षेत्र की युवतियां ही सरकारी बालिका विद्यालय की दुर्दशा के समय सबसे बड़ा भरोसा हैं। 2017 में राज्य सरकार की प्रेरणा से मलानदीघी जूनियर गर्ल्स स्कूल की शुरुआत हुई। इस सरकारी स्कूल में वर्तमान में 136 विद्यार्थी हैं। शिक्षक 4 सेवानिवृत्त अतिथि शिक्षक हैं। नए साल में उनके रिटायर होने का समय आ गया है। इस बालिका विद्यालय में शिक्षकों की कमी है। क्षेत्र के निवासी भी छात्राओं के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में अतिथि शिक्षकों के साथ तीन युवतियां और एक युवक खड़े हैं। स्थानीय लोगों ने उनके छोटे-छोटे पारिश्रमिक की व्यवस्था करके चंदा एकत्र किया है। 4 अतिथि शिक्षकों को भी मामूली वेतन मिलता है। उनका कहना है कि उन्हें शिक्षा से प्यार है इसलिए वे आगे आए। अतिथि शिक्षकों की भी सेवानिवृत्ति का समय आ गया है। हर कोई स्थायी शिक्षक चाहता है। छात्र भी चाहते हैं कि नए शिक्षक आएं और भविष्य में आगे बढ़ें। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी सैरूल मिद्या ने बताया कि उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने आश्वासन भी दिया कि जल्द ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।