स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत है। सोमवार दिन के कारण यह सोम प्रदोष व्रत है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखते हैं। आज सोम प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइये जानते हैं सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि और मुहूर्त के बारे में।
मुहूर्त:
मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 21 नवंबर, सोमवार, सुबह 10 बजकर 07 मिनट से
मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी तिथि का समापन: 22 नवंबर, मंगलवार, सुबह 08 बजकर 49 मिनट पर
सोम प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त: शाम 05 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 06 मिनट तक
आयुष्मान योग: आज सुबह से लेकर रात 09 बजकर 07 मिनट तक
सौभाग्य योग: आज रात 09 बजकर 07 मिनट से कल तक
पूजा विधि:
आज प्रात: स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें। फिर सूर्य देव को जल अर्पित करें। फिर पूजा स्थान की साफ सफाई कर लें। उसके बाद सोम प्रदोष व्रत और शिव पूजा का संकल्प करें।
सुबह में भगवान भोलेनाथ की दैनिक पूजा कर लें। फिर दिनभर फलाहार पर रहें। शिव भक्ति में समय व्यतीत करें।
शाम को शुभ मुहूर्त में किसी शिव मंदिर में या फिर घर पर ही पूजा करें। सबसे पहले गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर उनको गाय का दूध अर्पित करें।
इसे बााद भोलेनाथ को सफेद चंदन, फूल, फल, शहद, अक्षत्, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, भस्म, मिठाई, शक्कर आदि अर्पित करें। इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें।
इसके बाद शिव चालीसा पाठ, शिव स्तुति, शिव मंत्र का जाप करें. फिर सोम प्रदोष व्रत कथा को सुनें। उसके पश्चात भगवान शिव की आरती घी के दीपक से करें।
फिर भगवान शिव से क्षमा प्रार्थना करे। अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिव जी से आशीर्वाद मांगें।