स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: हिंदू धर्म में दया और करुणा के देव हैं भगवान शिव। महादेव का स्वभाव भोला है, इसलिए उनको भोलेनाथ भी कहते हैं। भगवान शंकर को बेल पत्र बेहद ही प्रिय है। इसलिए बेल पत्र चढ़ाने से शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर इच्छा को पूरा करते हैं।
शिवपुराण के अनुसार, समुद्र मंथन से निकले विष के कारण जब संसार पर संकट मंडराने लगा तब भगवान शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए उस विष को गले में धारण कर लिया और इससे शिव के शरीर का तापमान बढ़ने लगा। पूरी सृष्टि आग की तरह तपने लगी। धरती के सभी प्राणियों का जीवन कठिन हो गया। सृष्टि के हित में विष के असर को खत्म करने के लिए देवताओं ने शिव जी को बेल पत्र खिलाए तब विष का प्रभाव कम हो गया। तब से शिव जी को बेल पत्र चढ़ाने की प्रथा बन गई।