एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : महिला और पुरुषों में रिप्रॉडक्टिव अंगों में अंतर होता है। प्रेग्नेंसी के लिए महिलाओं के शरीर में एक जरूरी अंग होता है- यूट्रस यानी गर्भाशय, जो पुरुषों में नहीं होता। पर सवाल उठता है कि आखिर पुरूष केसे प्रेग्नेंट होगा। बायोएथिक्स के जानकार जोसेफ फ्लेचर ने दशकों पहले 1974 में ही पुरुषों में यूट्रस ट्रांसप्लांट की परिकल्पना की थी। अपनी किताब ‘द एथिक्स ऑफ जेनेटिक कंट्रोल’ में इसका आइडिया दिया था। उनका कहना था कि यूट्रस ट्रांसप्लांट के जरिये पुरुष बच्चे पैदा कर सकते हैं। यहां तक कि ब्रेस्ट के निप्पल्स और ग्लैंड्स में समानता के कारण वे बच्चों को अपना दूध भी पिता सकते हैं। वैज्ञानिकों के एक वर्ग का मानना है कि साइंस ने जितनी तरक्की कर ली है, उसमें पुरुषों के प्रेग्नेंट होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।