टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : पांडवेश्वर में फिर से सांप्रदायिक सौहार्द से भरी काली पूजा देखी गई। अग्रहायण मास की अमावस्या तिथि बुधवार को कई जगहों पर काली पूजा होती है। कभी रातंती काली, कहीं दक्षिणा काली, कहीं अग्रहायण मास, मां काली को अघराणे काली के रूप में पूजा जाता है। पांडवेश्वर विधानसभा के ईसीएल के बकोला क्षेत्र स्थित संकल्प खदान में समरसता की मिसाल देखने को मिली। इस खदान में 25 साल से काली पूजा हो रही है। खदान के कर्मचारी यह काली पूजा करते हैं। लेकिन इस काली पूजा का मुख्य आकर्षण है कि इस काली पूजा का मुख्य दायित्व कोलियरी के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग निभाते हैं। वे काली पूजा के अनुष्ठान से लेकर लगभग सभी कार्य करते हैं। हिंदू समुदाय के खनन कर्मचारी उनके साथ समान रूप से काम करते हैं। कोलियरी के अधिकारियों ने भी अब श्रमिकों के साथ समान रूप से सहयोग किया। काली पूजा के मुख्य प्रवर्तक मो मोस्तकिन, शेख सिराज, सैदुल शरीफ, प्रसेनजीत मंडल व पूर्व मैनेजर व वर्तमान में तिलबनी कोलियरी के बांकुरा क्षेत्र के एजेंट मो. मोस्ताकिन, शेख सिराज व अनूप मंडल ने कहा कि यह काली पूजा का 25 वर्षों तक उसी भक्ति के साथ मनाया गया।