स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: इंडियन मिलिट्री अकादमी में प्रशिक्षित एक अफगान राष्ट्रीय सेना अधिकारी तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद छिप गया था। उन्होंने काबुल के पास एक अज्ञात स्थान से व्हाट्सएप पर एचटी को बताया है कि "वे कायर नहीं हैं और मेरा विश्वास करो हमारी सेना मजबूत है । अधिकारी ने कहा है कि "मैं रविवार से न कुछ खाया हूँ ,न ही तब से सोया हूँ"। मुझे केवल अपने माता-पिता की चिंता है जो काबुल में घर पर अकेले हैं। इतने कम समय में काबुल के पतन की उम्मीद नहीं थी क्यों की तालिबान सैन्य हम पर काबू पाने जैसा मजबूत नहीं है । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राजनेताओं ने हमें बेच दिया। उन्होंने हमारे राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्र के लिए अपने बलिदान देने वाले सैनिकों के सम्मान और मूल्यों को बेच दिया।
अफगान राष्ट्रीय सेना अधिकारी ने ये भी कहा कि कुछ दिनों पहले तालिबान सैन्य ने पश्चिमी अफगानिस्तान में हमारे एक ठिकाने पर हमला किया था। पर जब हम जवाबी कार्रवाई के आदेश मांगे तो हमारे कमांडिंग अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं ने जवाबी कार्रवाई नहीं करने के आदेश दिए। कमांडिंग अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं का कहना था कि जवाबी कार्रवाई से तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता खराब होगी। फिर तालिबान ने हमारे सभी महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर कब्जा कर लिया।