टोनी आलम, एएनएम न्यूज: पांडवेश्वर विधानसभा के दुर्गापुर फरीदपुर प्रखंड के शिरसा गांव के दास पारा गांव का एक हिस्सा छह माह से धंसने की कगार पर है। धसान के डर से यहां के निवासी दिन रात भयभीत हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है पास ही में स्थित झांझरा कोलियरी में कोयला उत्पादन के लिए भूमिगत विस्फोट से झांझरा कोलियरी में धसान हो रहा है। धसान से मकान में दरारें आ गई हैं। हाल ही में तीन दिन पहले भूस्खलन के कारण मिट्टी के घर का पुआल का शेड गिर गया था। सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ। उसके बाद निवासियों ने झंझरा कोलियरी का परिवहन रोक कर विरोध जताया। स्थानीय लोगों ने कहा कि सत्ता पक्ष के नेताओं ने पहले ही क्षेत्र के लोगों से बात की है। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है छह महीने का लंबा समय बीत चुका है।
ईसीएल के विरोध के अगले दिन बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी धसान प्रभावित शीर्षा गांव पहुंचे। क्षेत्र में पहुंचते ही उन्होंने हादसे में प्रभावित लोगों से बात की। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि पहले लोगों की जान बचानी चाहिए फिर राजनीति के लिए काफी समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोग छह माह से दहशत में जी रहे हैं। सत्ता पक्ष को इन लोगों के साथ रहना चाहिए लेकिन ऐसा करने के बजाय वह दूसरे कामों में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि अगर सत्ता पक्ष आम लोगों के साथ नहीं खड़ा होता है तो यह उनका कर्तव्य है कि विपक्षी दल इन लोगों के साथ खड़ा हो। जितेंद्र तिवारी ने ईसीएल के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि समय सीमा दिसंबर है, अगर दिसंबर में पुनर्वास नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में इस क्षेत्र के लोग ईसीएल के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। ईसीएल के सभी कार्यों को आवश्यकतानुसार ठप कर दिया जाएगा।