पीएचई जल परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

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पीएचई जल परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

टोनी आलम, एएनएम न्यूज: सरकारी जल परियोजना पीएचई के पानी में जानवरों के मांस और शरीर के बाल के टुकड़े आ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग इस पानी को नहीं पी पा रहे हैं। इसके विरोध में स्थानीय निवासियों ने पीएचई जल परियोजना में विरोध प्रदर्शन किया। यह घटना सिद्धपुर बगडीहा जल परियोजना कार्यालय की है। स्थानीय लोगों की शिकायत है कि पिछले तीन दिनों से पानी के नल से खून और बालों के गुच्छे निकल रहे हैं और पानी से काफी बदबू भी आ रही है। ​पानी पीने के बाद कई लोग बीमार महसूस कर रहे हैं। जब मामले की सूचना पीएचई सिद्धपुर बगडीहा शाखा को दी गई तो उन्होंने ध्यान नहीं दिया। स्थानीय निवासियों ने शिकायत की कि टैंकर में किसी जानवर या बंदर का शव पड़ा था, जिसके कारण पानी से बदबू आ रही थी।उन्होंने इस संगठन में कार्यरत कर्मचारियों का तत्काल तबादला करने की मांग की। विरोध कर रहे स्थानीय लोगों रंजीत पात्रा, धीरज पाल आदि ने बताया कि इस जलाशय से पांच गांवों सिद्धपुर, बगडीहा, चकतुलसी, जमशोल, भड्डा में पेयजल आपूर्ति की जाती है। हजारों परिवार इसी पानी पर निर्भर हैं। जिस तरह से मांस के टुकड़े के साथ दुर्गंधयुक्त पानी की आपूर्ति की जा रही है, उससे इन सभी गांव के लोग सहमे हुए हैं। कई लोग बीमार महसूस कर रहे हैं। मामला गरमाता देख भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
चिचुड़ियाड़ी ग्राम पंचायत के उप प्रधान दिलीप शील ने घटना को स्वीकार करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों की शिकायत सही है। यहां कार्यरत कर्मचारियों द्वारा अपनी ड्यूटी ठीक से न करने के कारण ऐसी घटनाएं हुई हैं। वे तत्काल इसकी सूचना प्रशासन को देंगे, ताकि उन कर्मचारियों को तत्काल अन्यत्र स्थानांतरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि बीडियो से भी इसकी शिकायत दर्ज की जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि इस जल परियोजना में जो भी कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनकी लापरवाही के कारण ही यह घटना घटी है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि तत्काल इस पर उचित कार्रवाई की जाए और पाइपलाइन की साफ-सफाई हो और जब तक यह नहीं किया जाता तब तक पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। स्थानीय निवासी रंजीत पात्र ने बताया की राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए जल योजना बना रही हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर कर्मचारियों की लापरवाही के कारण इस तरह का गंदा पानी पीने को लोग मजबूर हैं। जिससे वह बीमार पड़ सकते हैं। तो क्या यह कर्मचारी लोगों को बीमार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का पानी पीने से लोगों के जीवन पर भी खतरा मंडरा सकता है। दूसरी तरफ एक और प्रदर्शनकारी जदुपती पाल ने कहा के अब तक लोगों ने इस मामले की शिकायत नहीं की है। वह चाहते हैं कि इसका समाधान निकले ताकि लोगों को पीने का स्वच्छ पानी मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर पानी के टैंक में कोई और पशु मरा पड़ा हुआ है, तो उसको निकाला जाए और पूरी पाइपलाइन को साफ किया जाए। ताकि लोगों को पीने का स्वच्छ पानी मिल सके।‌ भाई एक बुजुर्ग स्थानीय निवासी निताई मुहूरी ने बताया कि जब वह पानी पीने जा रहे हैं, तो ग्लास में पानी में मांस के टुकड़े तथा पशु के शरीर के बाल नजर आ रहे हैं। कई लोग इस वजह से बीमार भी पड़ चुके हैं। उन्होंने मांग की कि पीएचसी में कार्यरत कर्मियों का तबादला किया जाए और नए कर्मियों को यहां नियुक्त किया जाए। ताकि यहां पर पानी की आपूर्ति ठीक तरह से हो सके।