स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: सफला एकादशी व्रत आज 19 दिसंबर दिन सोमवार को है। इस व्रत को करने से सभी प्रकार के पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं और भगवान श्रीनारायण के आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि आती है। मृत्यु के बाद व्यक्ति को स्वर्ग में स्थान मिलता है। उसे नरक की यातनाओं को नहीं झेलना पड़ता है। भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को सभी एकादशी व्रतों के महत्व और उसकी विधि के बारे में बताया था। आइये जानते हैं सफला एकादशी की व्रत एवं पूजा विधि और पूजा मुहूर्त।
पौष कृष्ण एकादशी तिथि की शुरूआत: आज, सोमवार, तड़के 03 बजकर 32 मिनट से
पौष कृष्ण एकादशी तिथि की समाप्ति: कल, मंगलवार, तड़के 02 बजकर 32 मिनट पर
सफला एकादशी पूजा का समय: सुबह 07 बजकर 09 मिनट से सुबह 08 बजकर 26 मिनट तक, फिर 09 बजकर 43 मिनट से सुबह 11 बजकर 01 मिनट तक
सफला एकादशी पारण समय: कल, सुबह 08 बजकर 05 मिनट से सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक
सफला एकादशी व्रत और पूजा विधि
1. आज प्रात: स्नान के बाद साफ वस्त्र पहन लें। उसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। फिर सफला एकादशी व्रत और पूजा का संकल्प करें।
2. शुभ मुहूर्त में आज एक पीले रंग की चौकी पर भगवान श्रीनारायण की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित कर दें। वहां कलश को विधि विधान से स्थापित करें।
3. अब आप भगवान श्रीनारायण को सबसे पहले पंचामृत से स्नान कराएं और वस्त्र अर्पित करें। फिर चंदन, अक्षत्, हल्दी, सुपारी, दूर्वा, पान का पत्ता, तुलसी के पत्ते, गुड़, चने की दाल, नैवेद्य, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
4. इस दौरान आप ओम नमो भगवते वासुदेवाय या अन्य विष्णु मंत्र का उच्चारण करते रहें। फिर आप सफलता एकादशी व्रत कथा, विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्रनाम आदि का पाठ करें। पूजा का समापन श्री विष्णु जी की आरती से करें।