स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: कट्टरपंथी इस्लामी समूह अफगानिस्तान में एक नए शासन के गठन पर चर्चा कर रहा है। अफगानिस्तान की महिलाओं ने अपने अधिकार के लिए विरोध करने पर उतर आयी। महिलाओं ने कहा है कि तालिबान को उन्हें ध्यान में रखना होगा। सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में काम करने वाली और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं सहित कई महिलाओं ने कहा है कि उन्होंने पिछले दो दशकों में अपने अधिकारों के लिए कड़ी मेहनत की है और वो वापस नरक जैसी जीबन जापान नहीं कर सकतीं। सूत्रों के मुताबिक तालिबान नेताओं ने आश्वासन दिया कि महिलाओं को शिक्षा और नौकरियों तक पहुंच सहित इस्लाम के अनुसार समान अधिकार प्राप्त होंगे। तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अधिकार होंगे और वे शरिया के ढांचे के भीतर "खुश" होंगी। तालिबान इस्लाम के आधार पर महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। महिलाओं के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होगा।
मीडिया में काम करने वाली महिलाओं को लेकर मुजाहिद ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि काबुल में नई सरकार ने कौन से कानून पेश किए। हालांकि, रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान की एक एंकर शबनम खान दावरान ने कहा कि वह अपने कार्यालय में प्रवेश नहीं कर सकीं। कई अफगान महिला पत्रकारों ने कहा है कि तालिबान ने उन्हें काम करने की अनुमति नहीं दी थी। मीडिया में काम करने वाली एक महिला ने बताया है की तालिबानों ने कहा कि व्यवस्था बदल गई है और आप काम नहीं कर सकते।