स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए विवाह की एक समान न्यूनतम आयु की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि कुछ मामले ऐसे हैं जो संसद के लिए आरक्षित हैं। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ इस मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने इस दौरान यह भी कहा कि शीर्ष अदालत संसद को कानून बनाने के लिए परमादेश (एक असाधारण रिट) जारी नहीं कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामले संसद के लिए हैं, हम यहां कानून नहीं बना सकते। हमें यह नहीं समझना चाहिए कि हम संविधान के अनन्य संरक्षक हैं। संसद भी एक संरक्षक है।