जानिए आदियोगी और रुद्राक्ष का संबंध के बारे में

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Harmeet
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जानिए आदियोगी और रुद्राक्ष का संबंध के बारे में

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: शिव को कहा गया है आदियोगी क्योंकि इन्हीं से योग की समस्त कलाओं ने जन्म लिया। एक प्रचलित पौराणिक कहानी है कि, भगवान शिव काफी लंबे समय के लिए ध्यान में चले गए थे। इस दौरान उनके शरीर ने हिलना डुलना बंद कर दिया था और श्वास प्रक्रिया भी थम सी गई थी। ऐसा लग रहा था मानो उनके अंदर प्राण नहीं हैं। परंतु समाधि में लीन शिव की आंखों से बहते हुए अश्रु उनके परमानन्द में होने को दर्शा रहे थे।

मान्यता है कि, उनके नेत्र से जल की जो बूंदें पृथ्वी पर गिरीं, उन्हीं से रुद्राक्ष के वृक्ष उत्पन्न हुए और इसी वजह से इस वृक्ष के फलों से निकलने वाले बीज को रुद्र का अक्ष अर्थात रुद्राक्ष कहा गया। यही एक बड़ा कारण है, जिसके चलते रुद्राक्ष को आध्यात्मिकता के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है।