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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: शनि महाराज कुंभ राशि में 17 जनवरी को गोचर किए हुए हैं। उनका यह गोचर 12 की 12 राशियों को प्रभावित कर रहा था। 5 मार्च रात के 10 बजकर 25 मिनट पर शनि उदय हो रहे हैं। फिर से 12 राशियों पर इनका प्रभाव मिलना आरंभ हो जाएगा। शनि अपना प्रभाव अपनी स्थिति, दृष्टी व ढैय्या साढ़ेसाती के रूप में सभी राशियों पर डालते हैं। आइए जानते हैं, इनके उदय होने से किन-किन राशियों को लाभ व किन-किन राशियों को हानि होने की संभावना है।
मेष- इस राशि में शनि महाराज एकादश भाव में गोचर करेंगे। इस भाव में लाभेश का अस्त हो जाना लाभ को कम कर देता है। अब की शनि महाराज के उदय होने पर इस राशि के जातको को पुन: से लाभ मिलने की स्थिति बन रही है।
वृषभ- कर्म भाव में बैठकर शनि महाराज अस्त रहते हुए व्यापार को धीमा कर रहे थे। अब व्यापारी वर्ग इनके उदय होने से पुन: क्रियाशील हो जाएगा परंतु पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान रखने की आवश्यकता है।
मिथुन- भाग्य स्थान पर बैठे हुए ग्रह का अस्त होना लक से जुड़े कामों को धीमा कर देता है। भाग्येश का उदय होना आपको उन्नति की राह पर लेकर जाएगा।
कर्क- अष्टमेश शनि अस्त होने पर अपने अशुभ प्रभाव को भी रोके हुए था। इसके उदय होने से अष्टम भाव के प्रभाव जागृत हो जाएंगे और इसके साथ ही इस राशि पर ढैया का प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। इसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए काले कीड़ो को त्रिचोली बनाकर डालना लाभ देगा।
सिंह- सप्तम भाव में शनि महाराज उदय होकर डेली आय को बढ़ाएंगे परंतु पार्टनर के रवैये में फिर से चिड़चिड़ाहट और ईगो की भावना आ सकती है।
कन्या- इस राशि के जातको के लिए षष्ठेश का छठे भाव में अस्त होने से नौकरीपेशा लोगों के लिए अशुभ प्रभाव दे रहा था। अब शनि महाराज के उदय होने की स्थिति नौकरी में उन्नति, बैंक से कर्जा, शत्रु नाश आदि पक्षों में लाभ दिलवाएगा।
तुला- पंचमेश का अस्त होना प्रेम संबंधी मामलों में उदासीनता व नीरसता ला देता है। पब्लिक से पैसा कमाना भी कठिन कर देता है। ऐसे में ग्रह के उदय होने से लव लाइफ बेहतर होगी। तकनीकी ज्ञान से लाभ मिलेगा। जनसंपर्क भी अच्छा होगा।
वृश्चिक- चौथे भाव में शनि अस्त होकर अपने बुरे प्रभावों को विराम दिए हुए था। इसके उदय होने की स्थिति को पुन: से मानसिक पीड़ा व परेशानी उत्पन्न हो सकती है परंतु प्रॉपर्टी के प्रभाव से ये अच्छी स्थिति है।
धनु- इस राशि के जातको के लिए तृतीय भाव में शनि महाराज बैठ कर उदय होने पर यात्राओं से लाभ दिलाएंगे कम्युनिकेशन स्किल बढ़ेंगे और मित्र व पड़ोसियों से लाभ मिलेगा।
मकर- इस राशि वाले जातको के लिए शनि महाराज तृतीय भाव में अस्त होकर बैठे थे। जिससे की धन, आभूषण और परिवार संबंधित समस्याएं उत्पन्न होती दिखाई दे रही थी। अब इनकी उदय होने की स्थिति से अच्छा धन संचय होगा और परिवार में सुख-समृद्धि आएगी।
कुंभ- इस राशि वाले जातको के लग्न में शनि महाराज अस्त होकर विराजित थे। लग्नेश का अस्त होना, व्यक्तित्व में कमी लेकर आता है। इसके उदय होने से शनि के कुंभ राशि में उदय होने से शश योग का निर्माण होता है, जो की सौभाग्य वर्धक है।
मीन- द्वादश भाव में अस्त शनि वैराग्य उत्पन्न करता है, इसके साथ ही यात्राओं में भी रुकावटें आती हैं। शनि के उदय होने से विदेश में भी यात्राएं लाभप्रद सिद्ध होंगी।
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