बीएसएफ में दोषी कर्मिक को गोली मारकर सजा देने का प्रावधान

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बीएसएफ में दोषी कर्मिक को गोली मारकर सजा देने का प्रावधान

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: सीमा सुरक्षा बल जिसे 'भारत की पहली रक्षा पंक्ति' कहा जाता है, उसका का आधार कठोर अनुशासन है। सेवा के नियम भी बहुत सख्त हैं। अगर कोई कार्मिक इन्हें तोड़ता है, तो उसे मौत की सजा दी जा सकती है। मौत की सजा कैसे दी जाए, इसके लिए फांसी और गोली मारने का प्रावधान है। बीएसएफ एक्ट-1968 में इस तरह की सजा के नियमों का उल्लेख है। हालांकि मौत की सजा देने का तरीका सीआरपीसी के सेक्शन 354 (5) में भी है, मगर यहां पर मौत की सजा की कार्रवाई फांसी के द्वारा पूरी की जाती है। इसमें भी गोली मारने का प्रावधान नहीं है। बल के पूर्व अफसर बताते हैं कि बीएसएफ में इन कठोर नियमों का समावेश 'सेना' की तर्ज पर किया गया है। ऐसे नियम, तीनों सेनाओं में होते हैं। ये अलग बात है कि केंद्र सरकार 'सीएपीएफ' को 'भारत के सशस्त्र बल' नहीं मानती, अपितु इन्हें पुलिस बलों में शामिल किया गया है। जब इन्हें सशस्त्र बल माना ही नहीं जाता तो फिर कार्मिकों को सजा देने वाले नियम, भारतीय सेना जैसे क्यों हैं। यह एक्ट, बीएसएफ की वेबसाइट पर उपलब्ध है।