एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं रंगों की त्योहार होली का। होली को खुशियों और रंगों का त्योहार कहा जाता है। इस पर्व को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह से सेलिब्रेट किया जाता है और होली को कई नामों से जाना जाता है जैसे- रंगवाली होली, धुलंडी, डोल पूर्णिमा, याओसंग, धुलेटी, जजिरी, मंजल कुली, उकुली शिगमो या फगवा के नाम से जाना जाता है। होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस वर्ष होलिका दहन दो दिन हो रही हैं, क्योंकि इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ रही है। पंचांग के अनुसार, इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन होने की वजह से होलिका दहन की तिथि को लेकर अधिक अजमंजस की स्तिथि बन रही है और कई जगहों पर 6 को तो कई जगहों पर 7 मार्च को होलिका दहन किया जा रहा है।
होलिका दहन का मुहूर्त : फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत- 06 मार्च, सोमवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट से आरंभ और 7 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि का समापन। भद्रा- 6 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 7 मार्च को भद्रा सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त- 07 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।