नौ देवियों के इन 9 बीज मंत्रों से करें नवरात्रि पूजा

author-image
New Update
नौ देवियों के इन 9 बीज मंत्रों से करें नवरात्रि पूजा

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है। नवदुर्गा को समर्पित नवरात्रि का ये पावन पर्व 30 मार्च तक रहेगा। 29 मार्च को दुर्गा अष्ठमी और 30 मार्च को राम नवमी है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में माता रानी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं कहा जाता है कि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के दौरान नवदुर्गा के बीज मंत्रों का जाप करना भक्तों के लिए कल्याणकारी सिद्ध होता है। ऐसे में आइए जानते हैं मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के बीज मंत्र। ​



मां शैलपुत्री बीज मंत्र

ह्रीं शिवायै नम:



 प्रार्थना मंत्र

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥



स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥



मां ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र

ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:



प्रार्थना मंत्र

दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।

देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥



स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥



मां चंद्रघंटा बीज मंत्र

ऐं श्रीं शक्तयै नम:



प्रार्थना मंत्र

पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥



स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥



मां कूष्मांडा बीज मंत्र

ऐं ह्री देव्यै नम:



प्रार्थना मंत्र

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥



स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥



मां स्कंदमाता बीज मंत्र

ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:



प्रार्थना मंत्र

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।

शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥



स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥



मां कात्यायनी बीज मंत्र

क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:



प्रार्थना मंत्र

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।

कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥



स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥



मां कालरात्रि बीज मंत्र

क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।



प्रार्थना मंत्र

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥

वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।

वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥



स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥



मां महागौरी बीज मंत्र

श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:



प्रार्थना मंत्र

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥



स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥



मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र

ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:



प्रार्थना मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥



स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥