पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप

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पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: पश्चिम बंगाल के राज्य प्रायोजित पुस्तकालयों में लगभग 750 पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर जन शिक्षा और पुस्तकालय विज्ञान विभाग में विवाद छिड़ गया है। विभाग के सूत्रों ने आरोप लगाया कि मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने नियुक्तियों में 'व्यक्तिगत रुचि' ली है। 750 पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति जिला मजिस्ट्रेट, जिला पुस्तकालय अधिकारी, जिला सभाधिपति और कुछ अन्य नामांकित व्यक्तियों से बनी एक स्क्रीनिंग समिति के माध्यम से की जाती है। लाइब्रेरियन के पद पर प्रति नियुक्ति 10 लाख रुपये तक की मांग के साथ बड़े पैमाने पर भ्रष्ट आचरण के आरोप हैं। जन शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने आरोप लगाया, "सूची पहले ही बनाई जा चुकी है और साक्षात्कार और परीक्षा केवल औपचारिकता होगी।" संदेह की सुई मंत्री चौधरी और उनकी मंडली की ओर निर्देशित है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पुस्तकालय विज्ञान में डिप्लोमा के साथ स्नातक लगभग 50,000 रुपये प्रति माह के पारिश्रमिक के साथ आकर्षक नौकरी के लिए अर्हता प्राप्त करता है। मंत्री चौधरी ने हालांकि किसी भी गलत काम से इनकार किया और इसे 'साजिश' करार दिया।