क्यों 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है

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Harmeet
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क्यों 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: 17 नवंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है मिर्गी को लेकर लोगो के गलत सोच को बदल ने और लोगो को जागरूक करने के लिए। मिर्गी व्यक्ति के पूरे शरीर को तेजी से प्रभावित करने के कारण मरीज को दौरे पड़ने लगते हैं। किसी को दौरे पड़ने पर कुछ लोग जादू-टोना का नाम दे देते हैं, ऐसा सोचना ही गलत है। मिर्गी का दौरा पड़ने पर उस व्यक्ति को जोर से पकड़ने की गलती न करें, अगर किसी को मिर्गी का दौरा पड़ जाए तो सबसे पहले उसके टाइट कपड़े को ढीला करें। मरीज के पास शांति भरा माहौल बनाएं रखें और मिर्गी का दौरा पड़ने दौरान व्यक्ति के मुंह में कुछ भी न डाले। मरीज के शरीर के किसी भी हिस्से में मालिश न करे। आमतौर पर लोग दौरा पड़ने पर रोगी को जूते और मोज़े सुंघाने लगते हैं ऐसा भी नहीं करना चाहिए।

मिर्गी एक तंत्रिकातंत्रीय विकार है। डॉक्टर की भाषा में इसे न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर कहा जाता है। मिर्गी आंशिक तथा पूर्ण दो प्रकार की होती है। आंशिक मिर्गी और पूर्ण मिर्गी। मस्तिष्क में किसी तरह की गड़बड़ी होने से भी मिर्गी दिखने को मिलता है। आंशिक मिर्गी में मस्तिष्क के एक भाग पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है ओर पूर्ण मिर्गी में मस्तिष्क के दोनों भाग प्रभावित होते हैं। इस लिए मरीज का शरीर तेजी से कांपने लगता है।