स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: चार दिसंबर को शनिचरी अमावस्या पर लगने वाला इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण इस बार ज्योतिष की दृष्टि से भी खास रहने वाला है। ज्योतिष शोधार्थी व एस्ट्रोलॉजी एक विज्ञान रिसर्च पुस्तक के लेखक गुरमीत बेदी के अनुसार 19 नवंबर को लगे चंद्र ग्रहण से ठीक 15 दिन बाद यह सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, इसलिए इसे विशेष माना जा रहा है। ज्योतिष में 15 दिन की अवधि के बीच दो ग्रहण की स्थिति को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए कुछ राशियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। यह ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लगेगा। गुरमीत बेदी ने बताया कि 10 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था और अब 4 दिसंबर को साल का दूसरा व आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। इत्तफाक से इस दिन इस साल की तीसरी शनिचरी अमावस्या भी होगी। यह ग्रहण 4 दिसंबर की सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा। इस दौरान सूर्य ग्रहण में सूतक काल लागू नहीं होगा क्योंकि इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यह सूर्य ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमेरिका और अंटार्कटिका में दिखाई देगा।