स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : राजधानी में रेजीडेंट डॉक्टरों की नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के खिलाफ मंगलवार को पांचवें दिन भी जारी रही हड़ताल। इस दौरान मरीज इलाज पाने के लिए बेबस हो गए। वह डॉक्टरों से गुहार लगाते रहे कि साहब एक बार उपचार कर दीजिए, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं, रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी मांग को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन किया। हड़ताल की वजह से अब तक कई बड़े अस्पतलों नियमित सर्जरी भी प्रभावित हुई हैं। पिछले पांच दिनों में लगभग तीन हजार से ज्यादा ऑपरेशन रद्द करने पड़ गए हैं। मंगलवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में वरिष्ठ डॉक्टर दिखाई दिए लेकिन बेड खाली पड़े रहे क्योंकि डॉक्टरों की संख्या बहुत कम थी। इमरजेंसी के अंदर और बाहर दोनों जगह मरीजों की संख्या कम थी। मुरादाबाद निवासी सतपाल सिंह को ब्लॉकेज बताया था और एक महीने पहले उन्हें मंगलवार को आने के लिए कहा था लेकिन हड़ताल के चलते उनकी एंजियोग्राफी नहीं हो सकी।