स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: एक साल में कुल 12 अमावस्या होती हैं हिंदू कैलेंडर यानी पंचांग में। लेकिन इस साल जनवरी और दिसंबर में फिर पौष महीना होने के कारण 13 अमावस्या होंगी। धर्म ग्रंथों में इसे पर्व कहा गया है। इस दिन तीर्थ स्नान के बाद दान और फिर पितरों की विशेष पूजा करने की परंपरा है। इस विशेष संयोग में किए गए तीर्थ स्नान और दान का अक्षय फल मिलता है। ये योग तब बनते हैं जब सोमवार और शनिवार को अमावस्या होती है। जब तिथियों की घट-बढ़ होती है। तब ये पर्व कभी-कभी दो दिन तक भी रहता है। इसलिए जब दोपहर में अमावस्या हो उस दिन पितरों के लिए श्राद्ध-तर्पण किया जाता है। वहीं जब सूर्योदय के समय हो तो स्नान और दान किया जाता है। इस साल सोमवती अमावस्या का संयोग एक बार और शनैश्चरी अमावस्या का योग 2 बार बन रहा है।